जवाब नहीं है मेरे पास
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आज फिर वो सवाल, बरबस याद आ गया
वर्षों पहले तुमने, हठात् जो मुझसे किया था
वही सवाल आज फिर, बेहिचक किया है तुमने
पल भर को भी कभी, क्या मैंने चाहा है तुम्हें।
जवाब उस दिन भी, नहीं था मेरे पास
जब अपना जीवन, सौंप दिया था तुम्हें
आज भी ख़ामोश हूँ, जवाब नहीं है मेरे पास
प्रेम की कसौटी, रही है सदा मेरे समझ से परे।
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आज फिर वो सवाल, बरबस याद आ गया
वर्षों पहले तुमने, हठात् जो मुझसे किया था
वही सवाल आज फिर, बेहिचक किया है तुमने
पल भर को भी कभी, क्या मैंने चाहा है तुम्हें।
जवाब उस दिन भी, नहीं था मेरे पास
जब अपना जीवन, सौंप दिया था तुम्हें
आज भी ख़ामोश हूँ, जवाब नहीं है मेरे पास
प्रेम की कसौटी, रही है सदा मेरे समझ से परे।
जानती हूँ, मेरी हर ख़ामोशी
कई सवालों को, जन्म देती है
जिनके जवाब, न मैं दे सकी
न कभी वक़्त ही दे पाया है।
पक्ष में कोई सुबूत, नहीं ला सकती हूँ
न कभी कोई जिरह ही, करना चाहती हूँ
सभी आरोप यथावत, स्वीकृत करती हूँ
पर कह नहीं सकती कि, मैं क्या सोचती हूँ।
तुम्हारे सभी सवाल, सदैव अधूरे ही होते हैं
अधूरे सवाल के पूरे जवाब, कैसे हो सकते हैं?
पूरे जवाब के लिए, पूरा सवाल भी करना पड़ता है
अधूरे जीवन से पूरा जीवन, नहीं समझा जा सकता है।
ख़ामोशी से उपजते हैं, मुझमें हर जवाब
ख़ामोशी से समझ लो, तुम अपना जवाब,
अब न पूछना बारम्बार, मुझसे ये सवाल
नहीं तो कर बैठूँगी मैं, तुमसे यही सवाल।
- जेन्नी शबनम (21. 6. 2010)
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jawaab nahin hai mere paas
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aaj fir wo sawaal, barbas yaad aa gaya
varshon pahle tumne, hathaat jo mujhse kiya tha
wahi sawaal aaj fir, behichak kiya hai tumne
pal bhar ko bhi kabhi, kya maine chaaha hai tumhen.
jawaab us din bhi, nahin tha mere paas
jab apna jivan, sounp diya tha tumhein
aaj bhi khaamosh hoon, jawaab nahin hai mere paas
prem ki kasouti, rahi hai sada mere samajh se parey.
jaanti hun, meri har khaamoshi
kai sawaalon ko, janm deti hai
jinke jawaab, na main de saki
na kabhi, waqt hin de paaya hai.
paksh mein koi suboot, nahin la sakti hun
na kabhi koi jirah hi, karna chaahti hun,
sabhi aarop yathaawat, swikrit karti hun
par kah nahin sakti ki, main kya sochti hun.
tumhaare sabhi sawaal, sadaiv adhure hin hote hain
adhure sawaal ke pure jawaab, kaise ho sakte hain?
pure jawaab ke liye, pura sawaal bhi karna padta hai
adhure jivan se pura jivan, nahin samjha ja sakta hai.
khaamoshi se upajte hain, mujhmein har jawaab
khaamoshi se samajh lo, tum apna jawaab,
ab na poochhna baarambaar, mujhse ye sawaal
nahin to kar baithoongi main, tumse yahi sawaal.
- Jenny Shabnam (21.6.2010)
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