मन में है फूल खिला (5 माहिया)
(माहिया लिखने का प्रथम प्रयास)
(माहिया लिखने का प्रथम प्रयास)
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1.
जाने क्या लाचारी
कोई ना समझे
मन फिर भी है भारी !
2.
सन्देशा आज मिला
उनके आने का
मन में है फूल खिला !
3.
दुनिया भरमाती है
है अजब पहेली
समझ नहीं आती है !
4.
मैंने दीप जलाया
जब भी तू आया
मन ने झूमर गाया !
5.
चुपचाप हवा आती
थपकी यूँ देती
ज्यों लोरी है गाती !
- जेन्नी शबनम (3. 4. 2013)
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