बात इतनी सी है
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चले थे साथ बात इतनी सी है
जिए पर तन्हा बात इतनी सी है।
वे मसरूफ़ रहते तो बात न थी
मग़रूर हुए बात इतनी सी है।
मुफ़लिसी के दिन थे पर कपट न की
ग़ैरतमंद हूँ बात इतनी सी है।
झूठे भ्रम में जीया जीवन मैंने
कोई न अपना बात इतनी सी है।
हमदर्द नहीं होता कोई यहाँ
सब है छलावा बात इतनी सी है।
ख़ुद से हर ग़म बाँटा ऐ मेरे ख़ुदा
तुम भी हो ग़ैर बात इतनी सी है।
सोच समझके अब तुम बोलना ‘शब‘
जग है पराया बात इतनी सी है।
- जेन्नी शबनम (20. 1. 2021)
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