लम्हों का सफ़र
मन की अभिव्यक्ति का सफ़र
शनिवार, 1 जुलाई 2017
550. ज़िद (क्षणिका)
ज़िद
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एक मासूम सी ज़िद है-
सूरज तुम छुप जाओ
चाँद तुम जागते रहना
मेरे सपनों को आज
ज़मीं पर है उतरना।
- जेन्नी शबनम (1. 7. 2017)
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