प्रेम का जादू
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1.
प्रेम का पाग
घीमे-धीमे पकता
जो प्रेम सच्चा।
2.
ख़ुद में लीन
गिरता-सँभलता
प्रेम अनाड़ी।
3.
प्रेम का जादू
सिर चढ़के बोले
जिसको लगे।
4.
प्रेम की माला
सब कोई जपता
प्रेम न बूझा।
5.
प्रेम की अग्नि
ऊँच-नीच न देखे
मन में जले।
6.
प्रेम का काढ़ा
हर रोग की दवा
पी लो ज़रा-सा।
7.
प्रेम बंधन
न रस्सी न साँकल
पर अटूट।
- जेन्नी शबनम (14. 2. 2013)
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