लम्हों का सफ़र
मन की अभिव्यक्ति का सफ़र
गुरुवार, 12 अप्रैल 2012
339. बेसब्र इन्तिज़ार (क्षणिका)
बेसब्र इन्तिज़ार
***
कितने सपने, कितने इम्तिहान
अगले जन्म का बेसब्र इन्तिज़ार
कमबख़्त ये जन्म तो ख़त्म हो
।
-जेन्नी शबनम (12.4.2012)
____________________
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
संदेश (Atom)