मेरे साथ-साथ चलो
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तुम कहते हो तो चलो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो,
मुझे भी देखनी है वो दुनिया
जहाँ तुम पूर्णता से रहते हो।
तुमने तो महसूस किया है
जलते सूरज की नर्म किरणें
तपते चाँद की शीतल चाँदनी
तुमने तो सुना है
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तुम कहते हो तो चलो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो,
मुझे भी देखनी है वो दुनिया
जहाँ तुम पूर्णता से रहते हो।
तुमने तो महसूस किया है
जलते सूरज की नर्म किरणें
तपते चाँद की शीतल चाँदनी
तुमने तो सुना है
हवाओं का प्रेम गीत
नदियों का कलरव
तुमने तो देखा है
फूलों की मादक मुस्कान
तुमने तो देखा है
फूलों की मादक मुस्कान
जीवन का इन्द्रधनुष।
तुम तो जानते हो
शब्दों को कैसे जगाते हैं और
मनभावन कविता कैसे रचते हैं,
यह भी जान लो मेरे मीत
जो बातें अनकहे मैं तुमसे कहती हूँ
और जिन सपनों की मैं ख़्वाहिशमंद हूँ।
मैं भी जीना चाहती हूँ, उन सभी एहसासों को
जिन्हें तुम जीते हो और मेरे लिए चाहते हो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो।
- जेन्नी शबनम (12. 12. 2010)
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तुम तो जानते हो
शब्दों को कैसे जगाते हैं और
मनभावन कविता कैसे रचते हैं,
यह भी जान लो मेरे मीत
जो बातें अनकहे मैं तुमसे कहती हूँ
और जिन सपनों की मैं ख़्वाहिशमंद हूँ।
मैं भी जीना चाहती हूँ, उन सभी एहसासों को
जिन्हें तुम जीते हो और मेरे लिए चाहते हो
पर एक क़दम फ़ासले पर नहीं
मेरे साथ-साथ चलो।
- जेन्नी शबनम (12. 12. 2010)
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