शुक्रवार, 18 मार्च 2022

741. दुलारी होली (होली पर 15 हाइकु)

दुलारी होली

******* 

1. 
दे गया दग़ा    
रंगों का ये मौसम,   
मन है कोरा।   

2. 
गुज़रा छू के   
कर अठखेलियाँ   
मौसमी-रंग।   

3. 
होली आई   
मन ने दग़ा किया   
उसे भगाया।   

4. 
दुलारी होली   
मेरे दुःख छुपाई   
देती बधाई।   

5. 
सादा-सा मन   
होली से मिलकर   
बना रंगीला।   

6. 
होलिका-दिन   
होलिका जल मरी   
कमाके पुण्य।   

7. 
फगुआ मन   
जी में उठे हिलोर   
मचाए शोर।   

8. 
छाये उमंग   
खिलखिलाते रंग   
बसन्ती मन।   

9. 
ख़ूब बरसे   
ज्यों दरोगा की लाठी   
रंग-अबीर।   

10. 
बिन रँगे ही   
मन हुआ बसन्ती   
रुत है प्यारी।   

11. 
कैसी ये होली   
रिश्ते नाते छिटके   
अकेला मन।   

12. 
छुपके आई   
कुंडी खटखटाई   
होली भौजाई।   

13. 
माई न बाबू   
मन कैसे हो क़ाबू,   
अबकी होली।   

14. 
अबकी साल   
मन हो गया जोगी,   
लौट जा होली!   

15. 
पी ली है भाँग   
लड़खड़ाती होली   
धप्प से गिरी। 

- जेन्नी शबनम (18. 3. 2022)
_______________________