सिर्फ़ मेरा
ज़िन्दगी का अर्थ, किस मिट्टी में ढूँढें?
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कौन कहे कि आ जाओ मेरे पास
रिश्ते नाते अपने पराये, सभी बेपरवाह
किनसे कहें, एक बार याद करो मुझे, सिर्फ़ मेरे लिए
बहुत चाहता है मन, कहीं कोई अपना, जो सिर्फ़ मेरा।
- जेन्नी शबनम (8. 8. 2012)
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