रविवार, 20 जनवरी 2019

601. फ़रिश्ता (क्षणिका)

फ़रिश्ता     

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सुनती हूँ कि कोई फ़रिश्ता है 
जो सब का हाल जानता है 
पर मेरा? मुझे नहीं जानता वह 
पर तुम मुझे जानते हो जीने का हौसला देते हो 
जाने किस जन्म में तुम मेरे कौन थे 
जो अब मेरे फ़रिश्ता हो।   

- जेन्नी शबनम (19. 1. 2019)   
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