शनिवार, 23 जनवरी 2010

120. एक भ्रम चाहिए / ek bhram chaahiye

एक भ्रम चाहिए

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मैं अभागन
जान न सकी तुमको
तुमने ही कब सुध ली हमारी
नहीं सोचा कैसे रह रही होऊँगी 
छोड़ दिया इस असार संसार में
स्वयं में समाहित, विवश जीने केलिए  

किस-किस से लडूँ?
अपनी वेदना से
समाज के नियम से
या तुम्हारी अघोषित उपेक्षा से?

सारे तर्क और तथ्य सम्भावित सत्य हों
फिर भी यह सच है 
मैं निर्मम पथ पर अकेली नहीं चल सकती
कोई बन्धन चाहिए
कोई नाता चाहिए
कोई अपना चाहिए  

असहमति नहीं इस सत्य से
अकेले आए हैं, अकेले जाना है
न विरोध तुम्हारी मति से
न अवरोध तुम्हारी प्रगति में
न प्रतिरोध तुम्हारी छवि से
न कृपा चाहिए
न अधिकार चाहिए
न बलिदान चाहिए  

बस अन्तिम पड़ाव तक कठिन डगर में
किसी अपने के साथ का
अपनत्व की बात का
मिथ्या सम्बल और एक भ्रम चाहिए  

- जेन्नी शबनम (16.1.2010)
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ek bhram chaahiye

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Main abhaagan
jaan na sakee tumko
tumne hi kab sudh li hamaari
nahi socha kaise rah rahi houoongi
chhod diya is asaar sansaar mein
swayam mein samaahit, vivash jine ke liye.

kis-kis se ladoon?
apni vedna se
samaaj ke niyam se
ya tumhaari aghoshit upeksha se?

saare tark aur tathya sambhaavit satya hon
phir bhi yeh sach hai 
main nirmam path par akeli nahin chal sakti
koi bandhan chaahiye
koi naata chaahiye
koi apna chaahiye.

asahmati nahin is satya se
akele aaye hain, akele jaana hai
na virodh tumhaari mati se
na avrodh tumhaari pragati mein
na pratirodh tumhaari chhavi se
na kripa chaahiye
na adhikaar chaahiye
na balidaan chaahiye.

bas antim padaav tak kathin dagar mein
kisi apane ke saath ka
apnatwa ki baat ka
mithya sambal aur ek bhram chaahiye.

- Jenny Shabnam (16.1.2010)
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4 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

बस अंतिम पड़ाव तक
कठिन डगर में,
किसी अपने के साथ का
अपनत्व की बात का,
मिथ्या संबल और
एक भ्रम चाहिए !
ज़िन्दगी जीने के लिये कुछ भ्रम बहुत काम आते हैं। बहुत अच्छी रचना।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

मिथ्या संबल और
एक भ्रम चाहिए ! .....bahut sahi

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

manoj ji,
sahi kaha aapne, ye bhram kabhi kabhi bahut kaam aate hain. meri rachna samajhne keliye bahut shukriya aapka.

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

rashmi ji,
rachna tak aane keliye bahut shukriya.