रविवार, 8 मई 2011

241. माँ (माँ पर 11 हाइकु) पुस्तक - 16, 17

माँ
(माँ पर 11 हाइकु)

*******

1.
तौल सके जो
नहीं कोई तराजू
माँ की ममता। 

2.
समझ आई
जब ख़ुद ने पाई
माँ की वेदना। 

3.
माँ का दुलार
नहीं है कोई मोल
है अनमोल। 

4.
असहाय माँ
कह न पाई व्यथा
कोख उजड़ी। 

5.
जो लुट गई
लाड़ में मिट गई
वो होती है माँ। 

6.
प्यारी बिटिया,
बन गई वो माँ-सी
पी-घर गई। 

7.
पराई हुई
घर-आँगन सूना
माँ की बिटिया। 

8.
सारा हुनर
माँ से बिटिया पाए
घर बसाए। 

9.
माँ का अँचरा
सारे जहाँ का प्यार
घर-संसार। 

10.
माँ का कहना
कभी नहीं टालना
माँ होती दुआ। 

11.
माँ की दुनिया
अँगना में बहार
घर-संसार। 

- जेन्नी शबनम (8. 5. 2011)
____________________

11 टिप्‍पणियां:

awesh ने कहा…

ममतामय

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

माँ पर लिखे सभी हाइकू भावपूर्ण....अर्थपूर्ण

किन्तु विशेष .....

'तौल सके जो

नहीं कोई तराजू

माँ की ममता '

........................

'माँ का अंचरा

सारे जहां का प्यार

घर संसार'

सहज साहित्य ने कहा…

माँ का रिश्ता इतना पावन है कि हम उसकी ऊँचाई का स्पर्श भी नहीं कर सकते ;लेकिन आपके हाइकुओं ने विभिन्न कोणों से माँ के रूप को उभारा है, वह अनुकरणीय है । वैसे तो सभी हाइकु बेजोड़ हैं, कोई किसी से कम नही हैं लेकिन इन हाइकुओं ने ज़्यादा प्रभावित किया है-

1. तौल सके जो
नहीं कोई तराजू
माँ की ममता!

2. समझ आई
जब खुद ने पाई
माँ की वेदना!

3. माँ का दुलार
नहीं है कोई मोल
है अनमोल!

4. असहाय माँ
कह न पाई व्यथा
कोख़ उजड़ी!
5. माँ का अँचरा
सारे जहाँ का प्यार
घर संसार!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

sare anmol

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सभी हाईकू बहुत अच्छी ..भावों से ओत प्रोत

nilesh mathur ने कहा…

बहुत सुन्दर!

दुनिया में कोई
सच्चा प्यार
कर सकती है
तो वो है सिर्फ माँ!

विभूति" ने कहा…

bhut hi aacha likha hai apne... happy motherday...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सभी हाइकू बहुत सुन्दर हैं!
--
मातृदिवस की शुभकामनाएँ!
--
बहुत चाव से दूध पिलाती,
बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
सीधी सच्ची मेरी माता,
सबसे अच्छी मेरी माता,
ममता से वो मुझे बुलाती,
करती सबसे न्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।

udaya veer singh ने कहा…

man ko chhute mukhar haiku , achhe lage

संजय भास्‍कर ने कहा…

सभी हाइकू बहुत सुन्दर हैं!

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत मर्मस्पर्शी रचना
मातृ दिवस की शुभकामनाएँ...