सोमवार, 13 मई 2013

405. माँ (मातृ दिवस पर 11 हाइकु) पुस्तक 35,36

 माँ 

*******

1.
जिससे सीखा 
सहनशील होना, 
वो है मेरी माँ।   

2.
माँ-सी है छवि 
माँ मुझमें है बसी,  
माँ देती रूप।  

3.
स्त्री है जननी 
रच दिया संसार 
पर लाचार।  

4.
हर नारी माँ 
हर बेटी होती माँ 
मुझमें भी माँ।   

5.
हर माँ देती 
सूरज-सी रोशनी 
निःस्वार्थ भाव।  

6.
रचा संसार 
मानी गई बेकार, 
जाने क्यों नारी? 

7.
धरा-सी धीर 
बन कोख की ढाल 
प्रेम लुटाती। 

8.
माँ की ममता 
ब्रह्मांड है समाया 
ओर न छोर।  

9.
प्यार लुटाती  
प्यार को तरसती  
पीर लिये माँ।  

10.
उसने छला 
जिसके लिए मिटी
लाचार है माँ।  

11.
एक ही दिन 
क्यों याद आती है वो?
जो जन्म देती।  

- जेन्नी शबनम (12. 5. 2013)
(मातृ दिवस पर )
____________________

15 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमवार (13-05-2013) माँ के लिए गुज़ारिश :चर्चामंच 1243 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सभी को मातृदिवस की बधाई हो...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Ramakant Singh ने कहा…

एक पर एक ग्यारह सभी हाइकू में माँ की ममता और श्रृष्टि के दर्शन बहुत खूब

Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही सुन्दर हाइकू,माँ को नमन.

Shalini kaushik ने कहा…

.सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति बधाई

सदा ने कहा…

हर माँ देती
सूरज-सी रोशनी
निःस्वार्थ भाव !
बिल्‍कुल सच ..... सभी हाइकु एक से बढ़कर एक
आभार

दिगम्बर नासवा ने कहा…

स्त्री है जननी
रच दिया संसार
पर लाचार ..

सभी हाइकू माँ के अनेकों रंगों को उजागर करते ...
पर माँ हर हाल में सबसे ऊपर होती है ...

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

माँ पर इतने सारे हाइकू कितने रूपों को परिभाषित कर गयी आप . वाकई उसके बारे में कितना भी लिखा जाय कुछ न कुछ शेष रह ही जायेगा . वो माँ है जिसे कोई रच ही नहीं सकता है.

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी रचना..
सभी एक से बढ़कर एक



समय मिले तो एक नजर यहां डालिए
बस! अब बक-बक ना करो मां
http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/05/blog-post.html?showComment=1368442148042#c7630186342660393051

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सभी हाइकु बहुत सुंदर ।

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत भावपूर्ण, अर्थपूर्ण, सुंदर हाइकु !
~सादर!!!

PRAN SHARMA ने कहा…

CHHOTEE - CHHOTEE KAVITAAON MEIN
MAA KEE MAHAANTA KAA VARNAN AAPNE
NISSANDEH KHOOB KIYAA HAI . SHUBH
KAMNAAYEN .

अरुणा ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना माँ को समर्पित ........

अरुणा ने कहा…

माँ को समर्पित सुन्दर रचना

tbsingh ने कहा…

sunder abhivyakti.

Udan Tashtari ने कहा…

दिवस विशेष पर उम्दा प्रस्तुति..मातृ दिवस की शुभकामनाएँ.