माँ
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1.
जिससे सीखा
सहनशील होना,
वो है मेरी माँ।
2.
माँ-सी है छवि
माँ मुझमें है बसी,
माँ देती रूप।
3.
स्त्री है जननी
रच दिया संसार
पर लाचार।
4.
हर नारी माँ
हर बेटी होती माँ
मुझमें भी माँ।
5.
हर माँ देती
सूरज-सी रोशनी
निःस्वार्थ भाव।
6.
रचा संसार
मानी गई बेकार,
जाने क्यों नारी?
7.
धरा-सी धीर
बन कोख की ढाल
प्रेम लुटाती।
8.
माँ की ममता
ब्रह्मांड है समाया
ओर न छोर।
9.
प्यार लुटाती
प्यार को तरसती
पीर लिये माँ।
10.
उसने छला
जिसके लिए मिटी
लाचार है माँ।
11.
एक ही दिन
क्यों याद आती है वो?
जो जन्म देती।
- जेन्नी शबनम (12. 5. 2013)
(मातृ दिवस पर )
(मातृ दिवस पर )
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15 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज सोमवार (13-05-2013) माँ के लिए गुज़ारिश :चर्चामंच 1243 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सभी को मातृदिवस की बधाई हो...!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
एक पर एक ग्यारह सभी हाइकू में माँ की ममता और श्रृष्टि के दर्शन बहुत खूब
बहुत ही सुन्दर हाइकू,माँ को नमन.
.सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति बधाई
हर माँ देती
सूरज-सी रोशनी
निःस्वार्थ भाव !
बिल्कुल सच ..... सभी हाइकु एक से बढ़कर एक
आभार
स्त्री है जननी
रच दिया संसार
पर लाचार ..
सभी हाइकू माँ के अनेकों रंगों को उजागर करते ...
पर माँ हर हाल में सबसे ऊपर होती है ...
माँ पर इतने सारे हाइकू कितने रूपों को परिभाषित कर गयी आप . वाकई उसके बारे में कितना भी लिखा जाय कुछ न कुछ शेष रह ही जायेगा . वो माँ है जिसे कोई रच ही नहीं सकता है.
अच्छी रचना..
सभी एक से बढ़कर एक
समय मिले तो एक नजर यहां डालिए
बस! अब बक-बक ना करो मां
http://dailyreportsonline.blogspot.in/2013/05/blog-post.html?showComment=1368442148042#c7630186342660393051
सभी हाइकु बहुत सुंदर ।
बहुत भावपूर्ण, अर्थपूर्ण, सुंदर हाइकु !
~सादर!!!
CHHOTEE - CHHOTEE KAVITAAON MEIN
MAA KEE MAHAANTA KAA VARNAN AAPNE
NISSANDEH KHOOB KIYAA HAI . SHUBH
KAMNAAYEN .
बहुत सुन्दर रचना माँ को समर्पित ........
माँ को समर्पित सुन्दर रचना
sunder abhivyakti.
दिवस विशेष पर उम्दा प्रस्तुति..मातृ दिवस की शुभकामनाएँ.
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