जन्मदिन (ताँका)
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1.उम्र की तीली
धीरे-धीरे सुलगी
कुछ है शेष
कब होगा अशेष
समय ही जानता।
2.
जन्म की तिथि
बताने बढ़ी उम्र
फिर से आई,
उम्र का लेखा-जोखा
क्यों करना है भाई।
3.
खोजती हूँ मैं
अब भी बच्ची हूँ मैं
बाबा व अम्मा,
छोड़ चले गए वे
यादों में जन्मदिन।
4.
ख़ूब मिलता
जन्मदिन जो आता
शुभकामना
आँचल में भरके
सौग़ात है मिलती।
5.
मैं अलबेली
जन्मदिन मनाती
भले अकेली
खाकर होती तृप्त
खीर-पूरी-मिठाई।
6.
पिघली ओस
जन्मदिन के दिन
हँसके देती
ठंडक का आशीष
बोली- फूल-सा खिलो।
7.
सूर्य कहता-
बस चलती रहो
कैसा भी पल
हारना न रुकना
सीखो मुझ-सा जीना।
8.
सूरज उगा
भरता उजियारा
मन में मेरे
सन्देश है भेजता
सदा जलो मुझ-सा।
9.
वक्त ने कहा-
उम्र का लेखा-जोखा
मत करना।
जब तक हैं साँसें
जीभरकर जीना।
10.
सुन्दर दिन
मेरा है जन्मदिन
चहकती मैं,
अनुभव का रंग
मुझे करे रंगीन।
- जेन्नी शबनम (16.11.2023)
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