रविवार, 27 अक्टूबर 2019

635. दिवाली (दिवाली पर 7 हाइकु) पुस्तक - 112

दिवाली 
(दिवाली पर 7 हाइकु)   

*******   

1.   
सुख समृद्धि   
हर घर पहुँचे   
दीये कहते।   

2.   
मन से देता   
सकारात्मक ऊर्जा   
माटी का दीया।   

3.   
दीयों की जोत   
दसों दिशा उर्जित   
मन हर्षित।   

4.   
अमा की रात   
जगमगाते दीप   
ज्यों हो पूर्णिमा।   

5.   
धरा ने ओढ़ा   
रोशनी का लिहाफ़   
जलते दीये।   

6.   
दिवाली दिन   
सजावट घर-घर   
फैला उजास।   

7.   
बंदनवार   
स्वागत व सत्कार   
लक्ष्मी प्रसन्न।   

- जेन्नी शबनम (26. 10. 2010)   
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3 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 28 अक्टूबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (29-10-2019) को     "भइया-दोयज पर्व"  (चर्चा अंक- 3503)   पर भी होगी। 
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।  
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

शुभकामनाएं दीप पर्व पर। सुन्दर हाईकू।