मेरे हिस्से का सब शेष हो गया
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जाने कितनी भूख है
एक निवाले में ज़मीन-आसमान, चाँद-सितारे खा गई
जाने कितनी प्यास है
एक घूँट में नदी-सागर, झील-झरना पी गई
जाने कितनी ज्वाला है
एक क्षण में हवा, बादल और शीतलता सोख ली
जीने की जाने कितनी चाह है
युगों-कालों से जीती जा रही।
अथाह वीराना, शून्यता, हाहाकार
साँसें भी कैसे लूँ?
अपने हिस्से का सब ख़त्म कर गई
अब किस आस में जीवित हूँ?
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जाने कितनी भूख है
एक निवाले में ज़मीन-आसमान, चाँद-सितारे खा गई
जाने कितनी प्यास है
एक घूँट में नदी-सागर, झील-झरना पी गई
जाने कितनी ज्वाला है
एक क्षण में हवा, बादल और शीतलता सोख ली
जीने की जाने कितनी चाह है
युगों-कालों से जीती जा रही।
अथाह वीराना, शून्यता, हाहाकार
साँसें भी कैसे लूँ?
अपने हिस्से का सब ख़त्म कर गई
अब किस आस में जीवित हूँ?
ग़ैरों के हिस्से को क्यों ताक रही?
ग़ैरों की साँसों से जीवित नहीं रहा जाता
अभी भी भूखी-प्यासी धधक रही हूँ
मेरे हिस्से का सब कुछ तो शेष हो गया!
- जेन्नी शबनम (18.12.2008)
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Mere Hisse Ka Sub Shesh Ho Gaya
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Jaane kitni bhookh hai
Ek niwaale mein
Zameen-aasmaan, chaand-sitaare kha gai,
Zameen-aasmaan, chaand-sitaare kha gai,
Jane kitni pyaas hai
Ek ghoont mein
Nadi-sagar, jheel-jharna pee gai,
Nadi-sagar, jheel-jharna pee gai,
Jaane kitni jwaala hai
Saari hawaayen, baadal aur sheetalta sokh li,
Jine ki
Jaane kitni chaah hai
Jaane kitni chaah hai
Yugon kaalon se jiti ja rahi.
Athaah viraana, shoonyta, haahaakaar.
Saansen bhi kaise loon?
Apne hisse ka sab khatm kar gai
Ab kis aas mein jivit hoon?
Gairon ke hisse ko kyon taak rahi?
Gairon kee saanso se
Jivit thode na raha jata!
Jivit thode na raha jata!
Abhi bhi bhookhi-pyaasi dhdhak rahi hoon,
Mere hisse ka
sub kuchh to shesh ho gaya!
- Jenny Shabnam (18. 12. 2008)
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sub kuchh to shesh ho gaya!
- Jenny Shabnam (18. 12. 2008)
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