मुनासिब नहीं है मेरा होना
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तुम (पुरूष) कहते -
मुनासिब नहीं है मेरा(स्त्री) होना,
सच ही कहते
हम हैं एक बेगाना सपना,
तुम कहते -
ज़रूरत नहीं है मेरा जीना,
सच ही कहते
हम हैं एक बेजान खिलौना।
गर तुम्हारे काम न आ सकें
दीवारों पे न सज सकें,
सच है, कोई क्यों भरे
बेकारों से घर अपना।
ईमान-धर्म की बात नही,
कोई क्यों सजाए, किसी का सपना।
न एक सदी की बात है
न एक युग की है घटना,
गर विवशता है जीना तो
सीता की अग्नि-परीक्षा देनी होगी
सती के अग्नि-कुण्ड में होगा समाना।
हो हौसला जीने का
हो प्रतिबद्ध अरमानों को पाने का,
बंद करो किसी के घर में सजना
ग़ैरों की ख़ातिर हँसकर जीना।
न कोई होता है मसीहा
न कोई होता पालनहारा
न कोई चाहता, तुम्हारा आसमानों को छूना।
कहती दुनिया, तुम्हें आबादी आधी,
फिर छीन लो तुम, दुनिया आधी।
तुम कहते -
मुनासिब नहीं है मेरा होना,
हम कहते -
नामुमकिन है
बिना हमारे तुम्हारा होना।
- जेन्नी शबनम (अक्टूबर, 2006)
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तुम (पुरूष) कहते -
मुनासिब नहीं है मेरा(स्त्री) होना,
सच ही कहते
हम हैं एक बेगाना सपना,
तुम कहते -
ज़रूरत नहीं है मेरा जीना,
सच ही कहते
हम हैं एक बेजान खिलौना।
गर तुम्हारे काम न आ सकें
दीवारों पे न सज सकें,
सच है, कोई क्यों भरे
बेकारों से घर अपना।
ईमान-धर्म की बात नही,
कोई क्यों सजाए, किसी का सपना।
न एक सदी की बात है
न एक युग की है घटना,
गर विवशता है जीना तो
सीता की अग्नि-परीक्षा देनी होगी
सती के अग्नि-कुण्ड में होगा समाना।
हो हौसला जीने का
हो प्रतिबद्ध अरमानों को पाने का,
बंद करो किसी के घर में सजना
ग़ैरों की ख़ातिर हँसकर जीना।
न कोई होता है मसीहा
न कोई होता पालनहारा
न कोई चाहता, तुम्हारा आसमानों को छूना।
कहती दुनिया, तुम्हें आबादी आधी,
फिर छीन लो तुम, दुनिया आधी।
तुम कहते -
मुनासिब नहीं है मेरा होना,
हम कहते -
नामुमकिन है
बिना हमारे तुम्हारा होना।
- जेन्नी शबनम (अक्टूबर, 2006)
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Munaasib Nahin Hai Mera Hona
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Tum(purush) kahte -
munasib nahin hai mera(stree) hona,
munasib nahin hai mera(stree) hona,
Sach hi kahte
hum hain ek begaana sapna.
hum hain ek begaana sapna.
Tum kahte -
zarurat nahin hai mera jina,
zarurat nahin hai mera jina,
Sach hi kahte
hum hain ek bejaan khilona.
hum hain ek bejaan khilona.
Gar tumhaare kaam na aa saken
deewaaron pe naa saj saken,
deewaaron pe naa saj saken,
Sach hai, koi kyon bhare
bekaaron se ghar apna.
bekaaron se ghar apna.
Imaan-dharam ki baat nahin,
Koi kyon sajaaye, kisi ka sapna.
Na ek sadee ki baat hai
na ek yug ki hai ghatna,
na ek yug ki hai ghatna,
Gar vivashta hai jina to
Seeta ki agni-pariksha deni hogi
Sati ke agni-kund mein hoga samaana.
Ho haosla jine ka
ho pratibaddh armaanon ko paane ka,
ho pratibaddh armaanon ko paane ka,
Band karo kisi ke ghar mein sajna
gairon ki khaatir hans kar jina.
gairon ki khaatir hans kar jina.
Na koi hota hai masiha
na koi hota palanhaara
na koi hota palanhaara
Na koi chaahta, tumhaara aasmaanon ko chhuna.
Kahti duniya, tumhen aabaadi aadhi,
Phir chhin lo tum, duniya aadhi.
Tum kahte -
munasib nahin hai mera hona,
munasib nahin hai mera hona,
Hum kahte -
naamumkin hai
bina humaare tumhaara hona.
- Jenny Shabnam (October, 2006)
naamumkin hai
bina humaare tumhaara hona.
- Jenny Shabnam (October, 2006)
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