शुक्रवार, 27 मई 2011

247. बच्चे (5 ताँका)

मैंने पहली बार ताँका लिखने का प्रयास किया है, प्रतिक्रिया अपेक्षित है...

बच्चे
(5 ताँका)

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1.
नन्ही-सी परी
लिए जादू की छड़ी
बच्चों को दिए
खिलौने और टॉफी
फिर उड़ वो चली। 

2.
उनके हाथ
माँझा और पतंग
बच्चे चहके
सब ख़ूब मचले
उड़ी जब पतंग।  

3.
उछले कूदे
बड़ा शोर मचाएँ
ये नन्हें बच्चे
राज दुलारे बच्चे
ये प्यारे-प्यारे बच्चे। 

4.
दुनिया खिले
आसमान चमके
चाँद-तारों से
घर अँगना सजे
छोटे-छोटे बच्चों से। 

5.
प्यारी बिटिया
रुनझुन नाचती
खेल दिखाती
घर-आँगन गूँजे
अम्माँ-बाबा हँसते। 

- जेन्नी शबनम (10 . 5 . 2011)
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8 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

pyaari si rachna

सहज साहित्य ने कहा…

बच्चों के भाव बहुत गहरे और कल्पनाओं की उड़ान बहुत ऊँची होती है । आप्ने बालसुलभ मन को बहुत गहरै से पढ़ लिया है , अत: सभी ताँका बहुत अच्छे बन गए है। ये ताँका तो मन में ध्वनित होने लगते हैं- दुनिया खिले
आसमान चमके
चाँद-तारों से
घर अँगना सजे
छोटे-छोटे बच्चों से!

5. प्यारी बिटिया
रुनझुन नाचती
खेल दिखाती
घर-आँगन गूँजे
अम्माँ-बाबा हँसते! प्यारी बेटी के रुनझुन नाचने में जो स्वर लहरी है , वह नया और अनूठा प्रयोग है। आपको इस सहज रचना के लिए मेरी हार्दिक बधाई !

बेनामी ने कहा…

इस विधा का मुझे तो ज्ञान भी नहीं है लेकिन आपका प्रयास सफल और अच्छा लगा

***Punam*** ने कहा…

Just Excellent...!!!

PRAN SHARMA ने कहा…

Bachchon par hee pyaaree -pyaaree ,
nayaaree - nyaaree aur nanheen -
nanheen kavitaayen .

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छा बाल गीत

त्रिवेणी ने कहा…

सभी ताँका बहुत अच्छे है...ये ताँका तो अच्छा लगा....
दुनिया खिले
आसमान चमके
चाँद-तारों से
घर अँगना सजे
छोटे-छोटे बच्चों से!

मेरी हार्दिक बधाई !

Shabad shabad ने कहा…

सभी ताँका बहुत अच्छे है...ये ताँका तो अच्छा लगा....
दुनिया खिले
आसमान चमके
चाँद-तारों से
घर अँगना सजे
छोटे-छोटे बच्चों से!

मेरी हार्दिक बधाई !