जाड़ा भागो (13 हाइकु)
1.
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आँख मींचती
थर-थर काँपती
ठंडी हवाएँ ।
2.
आलसी दिन
है झटपट भागा
जो जाड़ा दौड़ा ।
3.
सूरज सोता
सर्द-सर्द मौसम
आग तापता ।
4.
ज़रा-सी धूप
पिटारी में छुपा लो
सर्दी के लिए ।
5.
स्वेटर-शाल
मन में इतराए
जाड़ा जो आए ।
6.
हार ही गई
ठिठुरती हड्डियाँ
असह्य शीत ।
7.
कुनमुनाता
गीत गुनगुनाता
सूरज जागा ।
8.
मोती-सी बिछी
सारी रात बिखरी
जाड़े की ओस ।
9.
सूर्य अकड़ू
कम्बल औ रजाई
देते दुहाई ।
10.
दिन काँपता
रात है ठिठुरती
ऐ जाड़ा, भागो !
11.
रस्सी पे टँगा
घना काला कोहरा
दिन औ रात ।
12.
सूर्य देवता
अब जाग भी जाओ
जाड़ा भगाओ !
13.
सूरज जागा
धूप खिलखिलाई
कोहरा भागा ।
- जेन्नी शबनम (दिसम्बर 26, 2012)
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