अब मान ही लेना है...
*******
तुम बहुत आगे निकल गए
मैं बहुत पीछे छूट गई,
कैसे दिखाऊँ तुमको
मेरे पाँव के छाले,
तुम्हारे पीछे
भागते-भागते
काँटे चुभते रहे
फिर भी दौड़ती रही
कि तुम तक पहुँच जाऊँ शायद !
पर अब लगता है
ये सफ़र का फ़ासला नहीं
जो तुम कभी थम जाओ
और मैं भागती हुई
तुम तक पहुँच जाऊँ,
शायद ये उम्र का फ़ासला है
या फिर तकदीर का फ़ैसला,
हौसला कम तो न था
पर अब मान ही लेना है !
- जेन्नी शबनम (14. 1. 2011)
__________________________________
*******
तुम बहुत आगे निकल गए
मैं बहुत पीछे छूट गई,
कैसे दिखाऊँ तुमको
मेरे पाँव के छाले,
तुम्हारे पीछे
भागते-भागते
काँटे चुभते रहे
फिर भी दौड़ती रही
कि तुम तक पहुँच जाऊँ शायद !
पर अब लगता है
ये सफ़र का फ़ासला नहीं
जो तुम कभी थम जाओ
और मैं भागती हुई
तुम तक पहुँच जाऊँ,
शायद ये उम्र का फ़ासला है
या फिर तकदीर का फ़ैसला,
हौसला कम तो न था
पर अब मान ही लेना है !
- जेन्नी शबनम (14. 1. 2011)
__________________________________