रविवार, 1 जनवरी 2017

534. जीवन को साकार करें (क्षणिका)

जीवन को साकार करें 

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अति बुरी होती है  
साँसों की हो या संयम की  
विचलन की हो या विभोर की  
प्रेम की हो या परित्याग की  
जीवन सहज, निरंतर और मंगल है  
अतियों का त्यागकर, सीमित को अपनाकर  
जीवन के लय में बहकर  
जीवन का सत्कार करें, जीवन को साकार करें  

- जेन्नी शबनम (1. 1. 2017)
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