यादें...
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यादें
बार-बार सामने आकर
अपूर्ण स्वप्न का अहसास कराती हैं
और कभी-कभी
मीठी-सी टीस दे जाती है,
कचोटती तो हर हाल में है
चाहे सुख चाहे दुःख,
शायद, रुलाने के लिए
यादें, ज़ेहन में
जीवित रहती हैं !
- जेन्नी शबनम (अगस्त 10, 2012)
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