मंगलवार, 3 सितंबर 2019

625. परम्परा (क्षणिका)

परम्परा   

*******   

मन के अवसाद को   
चूड़ियों की खनक, बिन्दी के आकार   
होठों की लाली और मुस्कुराहट में दफ़नाकर 
खिलखिलाकर दूर करना परम्परा है,   
स्त्रियाँ परम्परा बड़े मन से निभाती हैं।   

- जेन्नी शबनम (1. 9. 2019)   
_____________________