औरत : एक बावरी चिड़ी (7 हाइकु)
******
1.
चिड़िया उड़ी
बाबुल की बगिया
सूनी हो गई ।
2.
ओ चिरइया
कहाँ उड़ तू चली
ले गई ख़ुशी ।
3.
चिड़ी चाहती
मन में ये कहती -
''बाबुल आओ !''
4.
चिड़ी कहती -
काश ! वह जा पाती
बाबुल घर ।
5.
बावरी चिड़ी
गैरों में वो ढूँढती
अपनापन ।
6.
उड़ी जो चिड़ी
रुकती नहीं कहीं
यही ज़िंदगी ।
7.
लौट न पाई
एक बार जो उड़ी
कोई भी चिड़ी ।
- जेन्नी शबनम (फरवरी 1, 2013)
______________________________ ______