समय-रथ
(समय पर 4 हाइकु)
(समय पर 4 हाइकु)
*******
1.
रोके न रुके
अपनी चाल चले
समय-रथ !
2.
न देख पीछे
सब अपने छूटे
यही है सच !
3.
नहीं फूटता
सदा भरा रहता
दुःखों का घट !
4.
स्वीकार किया
ज़िन्दगी से जो मिला
नहीं शिकवा !
- जेन्नी शबनम (24. 3. 2014)
_________________________