हथेली गरम-गरम 
******* 
रात हो मतवाली-सी   
सपने पके नरम-नरम   
सुबह हो प्यारी-सी   
दिन हो रेशम-रेशम   
मन में चाहे ढेरों संशय   
रस्ता दिखे सुगम-सुगम   
सुख-दुःख दोनों जीवन है   
मन समझे सहज-सहज   
जीवन में बना रहे भरम   
खुशियाँ हों सब सरल-सरल   
कम न पड़े कोई भी छाँव   
रिश्ते सँभालो सँभल-सँभल   
चाहे गुज़रे कोई पहर   
हाथ में एक हथेली गरम-गरम।   
- जेन्नी शबनम (12. 10. 2021) 
____________________________
