मछली या समंदर...
*******
बिना अपनी सहमति
अभिशप्त गलियों से
महज़ गुज़रना
बदनामी का सबब बन जाता है
वैसे ही जैसे
किसी संक्रमित गली की
बहती हुई हवा
कोढ़ की तरह
मन में घाव बना देती है,
विवशता की कहानी
जाने कैसे समंदर में विलीन हो जाती है
और जब मछली
जाल में पकड़ कर आती है
तो समंदर निष्कलंक रह जाता है
सिर्फ मछली क्रूरता का दंश झेलती है !
एक सवाल
दुनिया से -
घात किसने लगाया
मछली या समंदर ने ?
- जेन्नी शबनम (फरवरी 1, 2012)
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बिना अपनी सहमति
अभिशप्त गलियों से
महज़ गुज़रना
बदनामी का सबब बन जाता है
वैसे ही जैसे
किसी संक्रमित गली की
बहती हुई हवा
कोढ़ की तरह
मन में घाव बना देती है,
विवशता की कहानी
जाने कैसे समंदर में विलीन हो जाती है
और जब मछली
जाल में पकड़ कर आती है
तो समंदर निष्कलंक रह जाता है
सिर्फ मछली क्रूरता का दंश झेलती है !
एक सवाल
दुनिया से -
घात किसने लगाया
मछली या समंदर ने ?
- जेन्नी शबनम (फरवरी 1, 2012)
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