मेरी हथेली...
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अपनी एक हथेली तुम्हें सौंप आयी
जब तुमसे मिली थी
जिसकी लकीरों में है मेरी तकदीर
और मेरी तकदीर सँवारने की तजवीज़ !
एक हथेली अपने पास रख ली
जो वक़्त के हाथों ज़ख़्मी है
जिसकी लकीरों में है मेरा अतीत
और मेरे भविष्य की उलझी तस्वीर!
विस्मृत नहीं करना चाहती कुछ भी
जो मैंने पाया या खोया
या फिर मेरी वो हथेली
जो तुमने किसी दिन गुम कर दी !
क्योंकि सहेजने की आदत तुम्हें नहीं!
- जेन्नी शबनम (अक्टूबर 4, 2011)
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अपनी एक हथेली तुम्हें सौंप आयी
जब तुमसे मिली थी
जिसकी लकीरों में है मेरी तकदीर
और मेरी तकदीर सँवारने की तजवीज़ !
एक हथेली अपने पास रख ली
जो वक़्त के हाथों ज़ख़्मी है
जिसकी लकीरों में है मेरा अतीत
और मेरे भविष्य की उलझी तस्वीर!
विस्मृत नहीं करना चाहती कुछ भी
जो मैंने पाया या खोया
या फिर मेरी वो हथेली
जो तुमने किसी दिन गुम कर दी !
क्योंकि सहेजने की आदत तुम्हें नहीं!
- जेन्नी शबनम (अक्टूबर 4, 2011)
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