दीप-दीपाली
(दीपाली पर 18 हाइकु)
(दीपाली पर 18 हाइकु)
*******
उतरे नीचे
नक्षत्र आसमाँ के
ज़मीन पर!
2.
लौटे प्रवासी
त्योहार का मौसम
सजी दिवाली!
3.
राम प्रवासी
लौटे हो के विजयी
दिवाली सजी!
4.
तमाम रात
बेताबी से जलती
दीप-दीपाली!
5.
बड़ी बेताबी
मगर हौले-हौले
जलती बाती!
6.
आख़िर भागा
एक दिन ही सही
तम अभागा!
7.
जुगनू लाखों
धरती पर नाचे
साथ ही जले!
8.
विफल हुई
अँधेरों की साज़िश
रोशनी जीती!
9.
है इतराई
रोशनी छितराई
दिवाली आई!
10.
मुठ्ठी से गिरी
धरा पर रोशनी
आसमान से!
11.
अँधेरा भागा
उजाले से डर के
रोशनी नाची!
12.
चादर तान
आज अँधेरा सोया
दीपक जला!
13.
जीते रोशनी
महज़ एक दिन
हारे अँधेरा!
14.
खुल के हँसी
जगमग रोशनी
अँधेरा चुप!
15.
चाँद सितारे
उतरे ज़मीन पे
धरा सजाने!
16.
रात है काली
दीयों से सजकर
ख़ूब शर्माती!
17.
घूँघट काढ़े
धरती इठलाती
दीया जलाती!
धरती इठलाती
दीया जलाती!
18.
घर-घर में
बरसी है चाँदनी
अमावस में!
अमावस में!
- जेन्नी शबनम (1. 11. 2013)
_____________________________