मत सोच अधिक (15 हाइकु)
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1.
जो बीत गया
मत सोच अधिक,
बढ़ता चल !
2.
जीवन-पथ
डराता है बहुत,
हारना मत !
3.
सब आएँगे
जब हम न होंगे,
अभी न कोई !
4.
अपने छूटे
सब सपने टूटे,
जीवन बचा !
5.
बहलाती हैं
ये स्मृतियाँ सुख की
जीवन- भ्रम !
6.
शोक क्यों भला ?
गैरों के विछोह का
ठहरा कौन ?
7.
कतराती हैं
सीधी सरल राहें,
वक़्त बदला !
8.
ताली बजाती
बरखा मुस्कुराती
खूब बरसी !
9.
सब बिकता
पर किस्मत नहीं,
लाचार पैसा !
10
सब अकेले
चाँद-सूरज जैसे
फिर शोक क्यों ?
11.
ज़िन्दगी साया
कौन पकड़ पाया,
मगर भाया !
12.
ज़िन्दगी माया
बड़ा ही भरमाया
हाथ न आया !
13.
सपने जीना
सपनों को जिलाना,
हुनर बड़ा !
14.
कैसी पहेली
ज़िन्दगी की दुनिया,
रही अबूझी !
15.
खुद से नाता
जीवन का दर्शन,
आज की शिक्षा !
- जेन्नी शबनम (21. 7. 2013)
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