आज का सच...
*******
अपनी हर वो बात
जो तुम चाहते हो कि मानी जाए
बिना ना नुकुर
बिना कोई बहस
और यह भी चाहते हो कि सभी मान लें
तुम हमेशा सही हो
बिलकुल परफेक्ट
तुम गलत हो ही नहीं सकते
तुम्हारे सारे समीकरण
सही हैं
न भी हों तो कर दिए जाते हैं
किसका मजाल जो तुम्हें गलत कह सके
आख़िर
मिल्कियत तुम्हारी
हुकूमत तुम्हारी
हर शै गुलाम
पंचतत्व तुम्हारे अधीन
हवा, पानी, मिट्टी, आग, आकाश
सब तुम्हारी मुट्ठी में
इतना भ्रम
इतना अहंकार
मन करता है
तुम्हें तुम्हारा सच बताऊँ
जान न भी बख्शो तो भी
कह ही दूँ -
जो है सब झूठ
बस एक ही सच
आज का सच
''जिसकी लाठी उसकी भैंस !''
- जेन्नी शबनम (26. 1. 2016)
______________________________ _