बुधवार, 6 जून 2012

349. पंचों का फ़ैसला

पंचों का फ़ैसला

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कुछ शब्द उन पंचों के समान
उच्च आसन पर बैठे हैं
जिनके फ़ैसले सदैव निष्पक्ष होने चाहिए
ऐसी मान्यता है, 
सामने 
कुछ अनसुलझे प्रश्न पड़े हैं
विचारार्थ,
वादी प्रतिवादी 
कुछ सबूत 
कुछ गवाह
सैकड़ों की संख्या में 
उद्वेलित भीड़, 
अंततः पंचों का फ़ैसला
निर्विवाद 
निर्विरोध 
उन सबके विरुद्ध 
जिनके पास पैदा करने की शक्ति है
चाहे जिस्म हो या ज़मीन,
फ़रमान -
बेदख़ल कर दो 
बाँट दो
काट दो 
लूट लो...!

- जेन्नी शबनम (6. 6. 2012)
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