शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

646. भोली-भाली

भोली-भाली 

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मेरी बातें भोली-भाली  
जीभर कर हैं हँसने वाली  
बात तुम्हारी जीवन वाली  
इक जीवन में ढलने वाली  
दुःख की बातें न करना जो  
घुट-घुटकर हैं मरने वाली  
रद्दी-सद्दी बातें हुईं जो  
समझो वो है भूलने वाली  
बात चली जो भी थक-थकके  
ये समझो है रुकने वाली  
ऐसी बातें कहा करो मत  
धुक-धुक साँसें भरने वाली  
प्यार की बातें करती है 'शब'  
दर्द नहीं अब कहने वाली।  

- जेन्नी शबनम (14. 2. 2020)  
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