सोमवार, 22 मार्च 2021

714. झील (झील पर 30 हाइकु)

झील 

(झील पर 30 हाइकु) 


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1. 
अद्भुत छटा   
आत्ममुग्ध है झील   
ख़ुद में लीन।   

2. 
ता-ता थइया   
थिरकती झील   
वो अलबेली।   

3. 
अनवरत   
हुड़दंग मचाती   
नाचती झील।   

4. 
आसमाँ फेंके   
झील बेचारी हाँफे   
धरती लोके।   

5. 
कोई न साथी   
दुःख किससे बाँटे   
एकाकी झील।   

6. 
पीती रहती   
बड़ी प्यासी है झील   
अपना नीर।   

7. 
रोज़ बुलाती   
स्वप्न सुन्दरी झी ल   
मन लुभाती।   

8. 
अद्भुत झील   
वो कहाँ से है लाती?   
इतना पानी।   

9. 
झील लजाई   
चाँद ने जो पुकारा   
आकर मिला।   

10. 
झील-सा मन   
तेरी यादों की नाव   
बहती रही।   

11. 
ठहरा मन   
हलचल के बिना   
जीवन-झील।   

12. 
बुरा मानती   
प्रदूषण की मारी   
चुप है झील।   

13. 
झील उदास   
कोरोना का क़हर   
कोई न पास।   

14.
झील-झरना   
प्रकृति की संतान   
भाई-बहन।   

15. 
काश बहती   
नदियों-सी घूमती   
झील सोचती!   

16. 
चाँदनी रात   
झील की आगोश में   
बैठा है चाँद।   

17. 
थका सूरज   
करने को आराम   
झील में कूदा।   

18. 
झील है बेटी   
प्रकृति को है नाज़   
लेती बलैयाँ।   

19. 
झील व चाँद   
लुका-छुपी खेलते   
दिन व रात।   

20. 
झील निगोड़ी   
इतनी ख़ूबसूरत   
फिर भी तन्हा!   

21. 
झील सिखाती -   
ठहरे हुए जीना,   
नहीं हारना।   

22. 
कैसे वो पीती   
प्रदूषित है पानी   
प्यासी है झील।   

23. 
झील बेहाल   
मीन दम तोड़ती   
बंजर कोख।   

24. 
झील चकोर   
आसमाँ को बुलाती   
बैठी रहती।   

25. 
झील में नभ   
चुपचाप है छुपा   
चाँद ढूँढता।   

26. 
झील-सा स्वप्न   
चौहद्दी में है कैद   
बहा, न मरा।   

27. 
झील-सी आँखें   
देखती स्वप्न पूर्ण   
होती अपूर्ण।   

28. 
झील डरती,   
मानव व्यभिचारी   
प्राण न छीने!   

29. 
झील की गोद   
नरम-मुलायम   
माँ की गोद।   

30. 
झील है थकी,   
सदियों से है थमी   
क्यों यह कमी?  

- जेन्नी शबनम (22. 3. 2021)
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