जीवन-बोध 
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1.
गुरु से सीखा 
बिन अँगुली थामे  
जीवन-बोध।  
2.
बढ़ता तरु,  
माँ है प्रथम गुरु  
पाकर ज्ञान। 
3.
करता मन  
शत-शत नमन  
गुरु आपको।  
4.
खिले आखर   
भरा जीवन-रंग 
जो था बेरंग।   
5.
भरते मान  
पाते हैं अपमान, 
कैसा ये युग?  
6. 
ख़ुद से सीखा  
अनुभवों का पाठ  
जीवन गुरु।  
7.
थी नासमझ 
भाषा-बोली-समझ    
गुरु से पाई।   
8.
ज्ञान का तेज  
चहुँ ओर बिखेरे  
गुरु-दीपक।   
9.
प्रेरणा-पुष्प  
जीवन में खिलाते  
गुरु प्रेरक।   
10.
पसारा ज्ञान  
दूर भागा अज्ञान  
सद्गुणी गुरु।  
- जेन्नी शबनम (5. 9. 2014)
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