स्मृति
(11 हाइकु)
*******
1.
स्मृति में तुम
जैसे फैला आकाश
सुवासित मैं।
2.
क्षणिक प्रेम
देता बड़ा आघात
रोता है मन।
3.
अधूरी चाह
भटकता है मन
नहीं उपाय।
4.
कई सवाल
सभी अनुत्तरित,
किससे पूछें?
5.
मेरे सवाल
उलझाते हैं मुझे,
कैसे सुलझे?
6.
ज्यों तुम आए
जी उठी मैं फिर से
अब न जाओ।
7.
रूठ ही गई
फुदकती गौरैया
बगिया सूनी।
8.
मेरा वजूद
नहीं होगा सम्पूर्ण
तुम्हारे बिना।
9.
जाएगी कहाँ
चहकती चिड़िया
उजड़ा बाग़।
10.
पेड़ की छाँव
पथिक का विश्राम
अब हुई कथा।
11.
जिजीविषा है
फिर क्यों हारना?
यही जीवन।
- जेन्नी शबनम (24. 3. 2011)
___________________________