शनिवार, 27 सितंबर 2014

470. दूध-सी हैं लहरें (हाइगा लेखन का प्रथम प्रयास- 8 हाइगा)

दूध-सी हैं लहरें 
(हाइगा लेखन का प्रथम प्रयास- 8 हाइगा)

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1. 
सूरज झाँका 
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सूरज झाँका- 
सागर की आँखों में 
रूप सुहाना। 
1





















2. 
क़दमों के निशान 
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मिट जाएँगे 
क़दमों के निशान,  
यही जीवन। 
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3. 
सागर नीला 
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अद्भुत लीला-
दूध-सी हैं लहरें, 
सागर नीला। 
3





















4.
अथाह नीर 
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अथाह नीर 
आसमाँ ने बहाई 
मन की पीर। 

4






















5.
सूरज लाल 
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सूरज लाल 
सागर में उतरा 
देखने हाल। 

5






















6.
लहरें दौड़ी आईं 
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पाँव चूमने 
लहरें दौड़ी आईं, 
मैं सकुचाई। 

6






































7.
उतर जाऊँ-
सागर में खो जाऊँ 
सागर सखा! 

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8.
बादल व सागर 
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क्षितिज पर, 
बादल व सागर 
आलिंगनबद्ध। 

8























-जेन्नी शबनम (20.9.2014)
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