सरल गाँव
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1.
जीवन त्वरा
बची है परम्परा,
सरल गाँव।
सरल गाँव।
2.
घूँघट खुला,
मनिहार जो लाया
हरी चूड़ियाँ।
हरी चूड़ियाँ।
3.
भोर की वेला
बनिहारी को चला
खेत का साथी।
4.
पनिहारिन
मन की बतियाती
पोखर सुने।
5.
दुआ-नमस्ते
गाँव अपने रस्ते
साँझ को मिले।
गाँव अपने रस्ते
साँझ को मिले।
6.
खेतों ने ओढ़ी
हरी-हरी ओढ़नी
वो इठलाए।
हरी-हरी ओढ़नी
वो इठलाए।
7.
असोरा ताके
कब लौटे गृहस्थ
थक हारके।
कब लौटे गृहस्थ
थक हारके।
8.
महुआ झरे
चुपचाप से पड़े,
सब विदेश।
चुपचाप से पड़े,
सब विदेश।
9.
उगा शहर
खंड-खंड टूटता
ग़रीब गाँव।
खंड-खंड टूटता
ग़रीब गाँव।
10.
बाछी रम्भाए
अम्मा गई जो खेत
चारा चुगने।
अम्मा गई जो खेत
चारा चुगने।
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बनिहारी- खेतों में काम करना
असोरा- ओसारा, दालान
चुगने- एकत्र करना
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-जेन्नी शबनम (19.3.2015)
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