मौसम बदलेगा...
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देह की बात
मन की आँच
सब पथराया
कहाँ कोई
समझ पाया,
रुदन-क्रंदन
कोई न सुना
प्रतीक्षा क्यों
युग बीता
सब टूटा,
धूमिल आस
संबल नहीं
पर विश्वास
देर सही
मौसम बदलेगा !
- जेन्नी शबनम ( जनवरी 12, 2012)
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देह की बात
मन की आँच
सब पथराया
कहाँ कोई
समझ पाया,
रुदन-क्रंदन
कोई न सुना
प्रतीक्षा क्यों
युग बीता
सब टूटा,
धूमिल आस
संबल नहीं
पर विश्वास
देर सही
मौसम बदलेगा !
- जेन्नी शबनम ( जनवरी 12, 2012)
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