ज़िन्दगी (21 हाइकु)
5.
6.
कैसी पहेली
ज़िन्दगी हुई अवाक्
8.
ज़िन्दगी बीती
11.
रिसता लहू
चाक-चाक ज़िन्दगी
20.
मेरी ज़िन्दगी
*******
1.
1.
लम्हों की लड़ी
एक-एक यूँ जुड़ी
ज़िन्दगी ढली ।
2.
गुज़र गई
जैसे साज़िश कोई
तमाम उम्र ।
3.
एक-एक यूँ जुड़ी
ज़िन्दगी ढली ।
2.
गुज़र गई
जैसे साज़िश कोई
तमाम उम्र ।
3.
ताकती रही
जी गया कोई और
ज़िन्दगी मेरी ।
जी गया कोई और
ज़िन्दगी मेरी ।
4.
बिना बताए
जाने किधर गई
मेरी ज़िन्दगी ।
बिना बताए
जाने किधर गई
मेरी ज़िन्दगी ।
5.
फैला सन्नाटा
ज़मीं से नभ तक
ज़िन्दगी कहाँ ।
ज़मीं से नभ तक
ज़िन्दगी कहाँ ।
6.
कैसी पहेली
ज़िन्दगी हुई अवाक्
अनसुलझी ।
7.
उलझी हुई
7.
उलझी हुई
है अजब पहेली
मूर्ख ज़िन्दगी ।
मूर्ख ज़िन्दगी ।
8.
ज़िन्दगी बीती
जैसे शोर मचाती
आँधी गुज़री ।
9.
शोर मचाती
बावरी ये ज़िन्दगी
आँधी गुज़री ।
9.
शोर मचाती
बावरी ये ज़िन्दगी
भागती रही ।
10.
खींचती रही
अन्तिम लक्ष्य तक
ज़िन्दगी-रथ ।
10.
खींचती रही
अन्तिम लक्ष्य तक
ज़िन्दगी-रथ ।
11.
रिसता लहू
चाक-चाक ज़िन्दगी
चुपचाप मैं ।
12.
नहीं खिलती
ज़िन्दगी की बगिया
रेगिस्तान मैं ।
13.
तड़प-तड़प के
ज़िन्दगी यूँ गुज़री
12.
नहीं खिलती
ज़िन्दगी की बगिया
रेगिस्तान मैं ।
13.
तड़प-तड़प के
ज़िन्दगी यूँ गुज़री
जल-बिन मछली ।
14.
14.
रौशन होती
ग़ैरों की चमक से
हाय ज़िन्दगी ।
ग़ैरों की चमक से
हाय ज़िन्दगी ।
15.
तमाम उम्र
भरमाती ही रही
ज़िन्दगी छल ।
16.
मौन ही रहो
ज़िन्दगी चुप रहो
ज्यों सूरज है ।
17.
ज़िन्दगी ढली
मगर चुपचाप
ज्यों रात ढली ।
18.
सूरज ढला
ज़िन्दगी भी गुज़री
सब ख़ामोश ।
तमाम उम्र
भरमाती ही रही
ज़िन्दगी छल ।
16.
मौन ही रहो
ज़िन्दगी चुप रहो
ज्यों सूरज है ।
17.
ज़िन्दगी ढली
मगर चुपचाप
ज्यों रात ढली ।
18.
सूरज ढला
ज़िन्दगी भी गुज़री
सब ख़ामोश ।
19.
अब भी शेष
देहरी पर मन
स्वाहा ज़िन्दगी ।
देहरी पर मन
स्वाहा ज़िन्दगी ।
20.
मेरी ज़िन्दगी
कहानी बन गई
सबने कही ।
21.
हवन हुई
बादलों तक गई
ज़िन्दगी धुँआ ।
सबने कही ।
21.
हवन हुई
बादलों तक गई
ज़िन्दगी धुँआ ।
- जेन्नी शबनम (10. 10. 2013)
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