खुशनसीबी की हँसी (क्षणिका)
*******
चोट जब दिल पर लगती है
एक आह-सी, उठती है
एक चिंगारी, दहकती है
चुपके से, दिल रोता है
और एक हँसी गूँजती है ।
सब पूछते - बहुत खुश हो, क्यों ?
मैं कहती - ये खुशनसीबी की हँसी है
और चुपचाप एक आँसू
दिल में उतरता है ।
- जेन्नी शबनम (नवम्बर 1995)
______________________________
*******
चोट जब दिल पर लगती है
एक आह-सी, उठती है
एक चिंगारी, दहकती है
चुपके से, दिल रोता है
और एक हँसी गूँजती है ।
सब पूछते - बहुत खुश हो, क्यों ?
मैं कहती - ये खुशनसीबी की हँसी है
और चुपचाप एक आँसू
दिल में उतरता है ।
- जेन्नी शबनम (नवम्बर 1995)
______________________________