शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

587. मीठी-सी बोली (हिन्दी दिवस पर 10 हाइकु) पुस्तक - 97)

मीठी-सी बोली 

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1.   
मीठी-सी बोली   
मातृभाषा हमारी   
ज्यों मिश्री घुली।    

2.   
हिन्दी है रोती   
बेबस व लाचार   
बेघर होती।    

3.   
प्यार चाहती   
अपमानित हिन्दी   
दुखड़ा रोती।    

4.   
अंग्रेज़ी भाषा   
सर चढ़के बोले   
हिन्दी ग़ुलाम।    

5.   
विजय-गीत   
कभी गाएगी हिन्दी   
आस न टूटी।    

6.   
भाषा लड़ती   
अंग्रेज़ी और हिन्दी   
कोई न जीती।    

7.   
जन्मी दो जात   
अंग्रेज़ी और हिन्दी   
भारत देश।    

8.   
मन की पीर   
किससे कहे हिन्दी   
है बेवतन।    

9.   
हिन्दी से नाता   
नौकरी मिले कैसे   
बड़ी है बाधा।    

10.   
हमारी हिन्दी   
पहचान मिलेगी   
आस में बैठी।    

- जेन्नी शबनम (14. 9. 2018)   
(हिन्दी दिवस)
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सोमवार, 10 सितंबर 2018

586. चाँद रोज़ जलता है (तुकांत)

चाँद रोज़ जलता है   

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तूने ज़ख़्म दिया तूने कूरेदा है   
अब मत कहना क़हर कैसा दिखता है।   

राख में चिंगारी तूने ही दबाई   
अब देख तेरा घर ख़ुद कैसे जलता है।   

तू हँसता है करके बरबादी ग़ैरों की   
ग़ुनाह का हिसाब ख़ुदा रखता है।   

पैसे के परों से तू कब तक उड़ेगा   
तेज़ बारिशों में काग़ज़ कब टिकता है।   

तू न माने 'शब' के दिल को सूरज जाने   
उसके कहे से चाँद रोज़ जलता है।   

- जेन्नी शबनम (10. 9. 2018)   
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शनिवार, 1 सितंबर 2018

585. फ़ॉर्मूला (पुस्तक 65)

फ़ॉर्मूला   

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मत पूछो ऐसे सवाल   
जिसके जवाब से तुम अपरिचित हो   
तुम स्त्री-से नहीं हो   
समझ न सकोगे स्त्री के जवाब   
तुम समझ न पाओगे, स्त्री के जवाब में   
जो मुस्कुराहट है, जो आँसू है   
आख़िर क्यों है,   
पुरूष के जीवन का गणित और विज्ञान   
सीधा और सहज है   
जिसका एक निर्धारित फ़ॉर्मूला है   
मगर स्त्रियों के जीवन का गणित और विज्ञान   
बिलकुल उलट है   
बिना किसी तर्क का   
बिना किसी फ़ॉर्मूले का,   
उनके आँसुओं के ढेरों विज्ञान हैं    
उनकी मुस्कुराहटों के ढेरों गणित हैं   
माँ, पत्नी, पुत्री या प्रेमिका   
किसी का भी जवाब तुम नहीं समझ सकोगे   
क्योंकि उनके जवाब में अपना फ़ॉर्मूला फिट करोगे,   
तुम्हारे सवाल और जवाब, दोनों सरल हैं   
पर स्त्री का मन, देवताओं के भी समझ से परे है   
तुम तो महज़ मानव हो   
छोड़ दो इन बातों को   
मत विश्लेषण करो स्त्रियों का   
समय और समझ से दूर   
एक अलग दुनिया है स्त्रियों की   
जहाँ किसी का प्रवेश प्रतिबंधित नहीं, न ही वर्जित है   
परन्तु शर्त एक ही है   
तुम महज़ मानव नहीं, इंसान बनकर प्रवेश करो   
फिर तुम भी जान जाओगे   
स्त्रियों का गणित   
स्त्रियों का विज्ञान   
स्त्रियों के जीवन का फ़ॉर्मूला   
फिर सारे सवाल मिट जाएँगे   
और जवाब तुम्हें मिल जाएगा।   

- जेन्नी शबनम (1. 9. 2018)   
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