दफ़ना दो यारों...
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चंदा की चाँदनी से रौशनी बिखरा गया कोई, हसीन हुई है रात, सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन बिखरा गया रंगीनी, ये न पूछो कोई, रौशन हुई है रात, बस बहक जाओ यारों !
सूरज की तपिश से, अगन लगा गया कोई, दहक रही है रात, सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन जला गया दामन, ये न पूछो कोई, जल रही है रात, बस जश्न मनाओ यारों !
आसमान की शून्यता से, तक़दीर भर गया कोई, ख़ामोश हुई है रात, सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन दे गया मातम, ये न पूछो कोई, तन्हा हुई है रात, बस ज़रा रो लो यारों !
अमावास की कालिमा से, अँधियारा फैला गया कोई, डर गई है 'शब', सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन कर गया है अँधेरा, ये न पूछो कोई, मर गई है रात, बस उसे दफ़ना दो यारों !
- जेन्नी शबनम (मई 28, 2009)
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चंदा की चाँदनी से रौशनी बिखरा गया कोई, हसीन हुई है रात, सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन बिखरा गया रंगीनी, ये न पूछो कोई, रौशन हुई है रात, बस बहक जाओ यारों !
सूरज की तपिश से, अगन लगा गया कोई, दहक रही है रात, सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन जला गया दामन, ये न पूछो कोई, जल रही है रात, बस जश्न मनाओ यारों !
आसमान की शून्यता से, तक़दीर भर गया कोई, ख़ामोश हुई है रात, सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन दे गया मातम, ये न पूछो कोई, तन्हा हुई है रात, बस ज़रा रो लो यारों !
अमावास की कालिमा से, अँधियारा फैला गया कोई, डर गई है 'शब', सिर्फ इतना देखो यारों,
कौन कर गया है अँधेरा, ये न पूछो कोई, मर गई है रात, बस उसे दफ़ना दो यारों !
- जेन्नी शबनम (मई 28, 2009)
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