क़र्ज़ जो मैंने चुकाना नहीं...
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जो वक़्त मुझे देते हो
माना ये है काफ़ी,
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जो वक़्त मुझे देते हो
माना ये है काफ़ी,
पर मेरे लिए वो क़र्ज़ है
और ऐसा क़र्ज़ जो मैंने चुकाना नहीं,
क़र्ज़ चुकता किया
तो तुम छूट जाओगे,
क़र्ज़ चुकाने
दूसरे जन्म में कहाँ मिल पाओगे,
इस जन्म में
क़र्ज़ चुकाने
दूसरे जन्म में कहाँ मिल पाओगे,
इस जन्म में
तुम्हारी कर्ज़दार रहना है
अगले जन्म में
सिर्फ अपने लिए जीना है !अगले जन्म में
- जेन्नी शबनम (जनवरी 2 , 2012)
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