घर आ जा न !
(बारिश के 8 हाइकु)
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1.
बरसा नहीं भटक-भटक के
थका बादल !
2.
घूँघट काढ़े
घटा में छुप कर
सूर्य शर्माए !
3.
बादल फटा
रुष्ट इंद्र देवता
खेत सुलगा !
रुष्ट इंद्र देवता
खेत सुलगा !
4.
घूमने चले
बादलों के रथ पे
सूर्य देवता !
बादलों के रथ पे
सूर्य देवता !
5.
अम्बर रोया
दूब भीगती रही
उफ़ न बोली !
उफ़ न बोली !
6.
गुर्राता मेघ
कड़कता ही रहा
नहीं बरसा !
कड़कता ही रहा
नहीं बरसा !
7.
प्रभाती गाता
मंत्र गुनगुनाता
मौसम आता ।
मंत्र गुनगुनाता
मौसम आता ।
8.
पानी-पानी रे
क्यों बना तू जोगी रे
घर आ जा न !
- जेन्नी शबनम (3. 7. 2014)
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