मंगलवार, 14 जनवरी 2014

436. पूरा का पूरा (क्षणिका)

पूरा का पूरा 

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तेरे अधूरेपन को अपना पूरा दे आई
यूँ लगा मानो दुनिया पा गई
पर अब जाना तेरा आधा भी तेरा नहीं था  
फिर तू कहाँ समेटता मेरे पूरे 'मैं' को
तूने जड़ दिया मुझे 
मोबाइल के नंबर में पूरा का पूरा

- जेन्नी शबनम (14. 1. 2014)
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