चकमा (क्षणिका)
चलो आओ
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हाथ थामो मेरा
मुट्ठी जोर से पकड़ो
वहाँ तक साथ चलो
जहाँ ज़मीन-आसमान मिलते हैं
वहाँ से सीधे नीचे छलाँग लगा लेते हैं
आज वक़्त को चकमा दे ही देते हैं !
- जेन्नी शबनम (जनवरी 31, 2013)
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