वसन्त पञ्चमी
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1.
पीली सरसों
आया जो ऋतुराज
ख़ूब है खिली।
2.
ज्ञान की चाह
है वसन्त पञ्चमी
अर्चन करो।
3.
पावस दिन
ये वसन्त पञ्चमी
शारदा आईं।
4.
बदली ऋतु,
काश! मन में छाती
वसन्त ऋतु।
5.
अब जो आओ
ओ ऋतुओं के राजा!
कहीं न जाओ।
6.
वाग्देवी ने दीं
परा-अपरा विद्या,
हुए शिक्षित।
7.
चुनरी रँगा
वसन्त रंगरेज़
धरा लजाई।
8.
पीला-ही-पीला
वसन्त जादूगर
फूल व मन।
9.
वसन्त ऋतु!
अब नहीं लौटना
हाथ थामना।
10.
हे पीताम्बरा!
सदा साथ निभाना
चेतना तुम।
-जेन्नी शबनम (5.2.2022)
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