मैं
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मैं, मैं, सिर्फ़ मैं,
सर्वत्र मैं...!
एक रूह मैं, एक इंसान मैं, एक हैवान मैं,
एक ख्व़ाब मैं, एक जज़्बात मैं, एक ख़्वाबगाह मैं,
अपना मकान मैं, अपना संसार मैं, अपना श्मशान भी मैं।
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मैं, मैं, सिर्फ़ मैं,
सर्वत्र मैं...!
एक रूह मैं, एक इंसान मैं, एक हैवान मैं,
एक ख्व़ाब मैं, एक जज़्बात मैं, एक ख़्वाबगाह मैं,
अपना मकान मैं, अपना संसार मैं, अपना श्मशान भी मैं।
क़ैदी मैं, क़ैदखाना मैं, प्रहरी भी मैं,
वकील मैं, न्यायाधीश मैं, अदालत भी मैं,
जल्लाद मैं, फाँसी का फंदा मैं, मौत की सज़ायाफ़्ता मुजरिम भी मैं।
कफ़न मैं, कब्र मैं, मज़ार भी मैं,
चुनने वाले हाथ मैं, दफ़न होने वाला बदन भी मैं,
अपनी चिता पर रोने वाली मैं, अपनी मृत्यु का जश्न मनाने वाली भी मैं।
बंदगी में उठे हाथ मैं, सजदे में झुका सिर भी मैं,
खिलते फूल मैं, चुभते काँटे भी मैं,
इन्द्रधनुषी रंग मैं, लहू की लाली भी मैं,
ओस की नमी मैं, दहकती चिंगारी भी मैं,
रात का अँधियारा मैं, दिन का उजाला भी मैं,
सुख की तृप्ति मैं, दुःख की असह्य व्यथा भी मैं,
वर्तमान मैं, भविष्य भी मैं,
धरा मैं, गगन भी मैं,
आशा मैं, निराशा भी मैं,
स्वर्ग मैं, नरक भी मैं,
सार मैं, असार भी मैं,
आदि मैं, अंत भी मैं,
जीवन मैं, मृत्यु भी मैं,
इस पार मैं, उस पार भी मैं,
प्रेम मैं, द्वेष भी मैं,
ईश की संतान मैं, ईश्वर भी मैं,
आत्मा मैं, परमात्मा भी मैं।
मैं, मैं, सिर्फ़ मैं,
सर्वत्र मैं...!
- जेन्नी शबनम (31. 12. 1990)
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main
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main, main, sirf main,
sarvatra main...!
ek rooh main, ek insaan main, ek haivaan main,
ek khwaab main, ek jazbaat main, ek khwaabgaah main,
apna makaan main, apna sansaar main, apna shmashaan bhi main.
qaidi main, qaidkhana main, prahari bhi main,
vakeel main, nyaayaadheesh main, adaalat bhi main,
jallad main, faansi ka fanda main, maut ki sazaayaafta mujrim bhi main.
qafan main, kabra main, mazaar bhi main,
chunne wale haath main, dafan hone wala badan bhi main,
apni chita par rone waali main, apni mrityu ka jashn manane wali bhi main.
bandagi mein uthey haath main, sajde mein jhuka sir bhi main,
khilte phool main, chubhte kaante bhi main,
indradhanushi rang main, lahoo ki laali bhi main,
oas ki nami main, dahakti chingaari bhi main,
raat ka andhiyara main, din ka ujaala bhi main,
sukh ki tripti main, dukh ki ashaya vyatha bhi main,
vartmaan main, bhavisya bhi main,
dhara main, gagan bhi main,
aasha main, niraasha bhi main,
swarg main, narak bhi main,
saar main, asaar bhi main,
aadi main, ant bhi main,
jiwan main, mrityu bhi main,
is paar main, us paar bhi main,
prem main, dwesh bhi main,
iish ki santaan main, ishwar bhi main,
aatma main, parmaatma bhi main.
main, main, sirf main,
sarvatrra main...!
- Jenny Shabnam (31. 12. 1990)
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4 टिप्पणियां:
शानदार और मनमोहक।
मन को छूती कवितायें हैं - लिखती चलिये।
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