शनिवार, 3 मार्च 2012

327. ऐसा वास्ता रखना (तुकांत)

ऐसा वास्ता रखना

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हमारे दरम्यान इतना फ़ासला रखना
बसर हो सकें रिश्ते ऐसा वास्ता रखना।  

लरजते आँसुओं के शबनमी बयाँ
दोस्तों की महफ़िल से बचा रखना।  

काँटों से बचाके दामन हम आएँगे  
वस्ल की शाम अधूरी बहला रखना। 

कारवाँ थम जाए जो तूफ़ान से कहीं
ख़यालों की एक बस्ती सजा रखना। 

बेमुरव्वत दुनिया की फ़िक्र कौन करे
मेरे वास्ते ज़िन्दगी का आसरा रखना। 

सवाल पूछ ग़ैरों के सामने शर्मिंदा न करना
मेरे ज़ीस्त की नादानियों को छिपा रखना।  

'शब' को मिल जाए अँधेरों से निज़ात
दिल में एक चराग तुम जला रखना। 

- जेन्नी शबनम (3.3. 2012)
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22 टिप्‍पणियां:

Rakesh Kumar ने कहा…

मेरी उर्दू कमजोर है.
पर जो भी समझा वह बहुत भावपूर्ण
और शानदार लगा.

'जीस्त की नादानियाँ ..माने?

Nidhi ने कहा…

बेहद खूबसूरत...हरेक शेर लाजवाब!!

sushila ने कहा…

"शब' को मिल जाए अंधेरों से निज़ात
दिल में एक चराग तुम जला रखना !"
वाह जेनी जी! बेहतरीन !

sushila ने कहा…

"'शब' को मिल जाए अंधेरों से निज़ात
दिल में एक चराग तुम जला रखना !"

वाह जेनी जी ! जवाब नहीं

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
--
होलीकोत्सव की शुभकामनाएँ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
--
होलीकोत्सव की शुभकामनाएँ।

Rajesh Kumari ने कहा…

bahut umda ghazal jenni ji.

***Punam*** ने कहा…

बेमुरव्वत दुनिया की फ़िक्र कौन करे
मेरे वास्ते ज़िन्दगी का आसरा रखना !

सवाल पूछ ग़ैरों के सामने शर्मिंदा न करना
मेरे जीस्त की नादानियों को छिपा रखना !

khoobsoorat gazal....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत बढ़िया भाव अभिव्यक्ति,बेहतरन गजल..

NEW POST...फिर से आई होली...

Jeevan Pushp ने कहा…

उम्दा प्रस्तुति !

mridula pradhan ने कहा…

मेरे जीस्त की नादानियों को छिपा रखना !bahut achchi lagi......

दिगम्बर नासवा ने कहा…

'शब' को मिल जाए अंधेरों से निज़ात
दिल में एक चराग तुम जला रखना ...

बहुत खूब .. आमीन ... ये चिराग हर किसी की शब् में यूं ही जलता रहे ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत गजल ...

Ramakant Singh ने कहा…

'शब' को मिल जाए अंधेरों से निज़ात
दिल में एक चराग तुम जला रखना !
MAASHA ALLAH

Ramakant Singh ने कहा…

हमारे दरम्यान इतना फ़ासला रखना
बसर हो सकें रिश्ते ऐसा वास्ता रखना
SUPERB LINES FROM BOTTOM OF THE HEART
THANKS .

Ramakant Singh ने कहा…

हमारे दरम्यान इतना फ़ासला रखना
बसर हो सकें रिश्ते ऐसा वास्ता रखना
SUPERB LINES FROM BOTTOM OF THE HEART
THANKS .

vidya ने कहा…

खूबसूरत गज़ल.....
हर शेर प्यारा...

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

बेमुरव्वत दुनिया की फ़िक्र कौन करे
मेरे वास्ते ज़िन्दगी का आसरा रखना !

बहुत ही शानदार .....

"यादो की कीमत वो क्या समझे
जो यादो को मिटा दिया करते हैं
यादों की कीमत उनसे पूछो ----
जो यादों के सहारे जिन्दगी बिता दिया करते हैं !"

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बहुत अच्छी रचना. सभी शेर बढ़िया लगे.

सहज साहित्य ने कहा…

ऐसा वास्ता रखना -बहुत मर्मस्पर्शी रचना है । ये दो पंक्तियां बहुत गहराई लिये हुए हैं-
लरजते आँसुओं के शबनमी बयाँ
दोस्तों की महफ़िल से बचा रखना !
आपके काव्य में उत्तरोत्तर यह निखार कविता को नए आयाम देने में सक्षम है.

सहज साहित्य ने कहा…

ऐसा वास्ता रखना -बहुत मर्मस्पर्शी रचना है । ये दो पंक्तियां बहुत गहराई लिये हुए हैं-
लरजते आँसुओं के शबनमी बयाँ
दोस्तों की महफ़िल से बचा रखना !
आपके काव्य में उत्तरोत्तर यह निखार कविता को नए आयाम देने में सक्षम है.

Madhuresh ने कहा…

कारवां थम जाए जो तूफ़ान से कहीं
ख्यालों की एक बस्ती सजा रखना !
...
शब' को मिल जाए अंधेरों से निज़ात
दिल में एक चराग तुम जला रखना !

बहुत ही अच्छी ग़ज़ल..
सादर